चला आया हूँ बहुत दूर ,
चला आया हूँ बहुत दूर ,
अब दो घड़ी बैठना चाहता हूँ …..
थक गया हूँ , रुक कर ,
एक भरी साँस लेना चाहता हूँ ।
है हक़ मुझे भी थकने का,
पर मेरे हौंसले , कम्बख़्त …
थकने की इजाज़त नहीं देते ।।
// सुयश
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